₹200.00Original price was: ₹200.00.₹179.00Current price is: ₹179.00.
At the lobby the manager was waiting, it appeared that he was happy that tiger was sighted which meant that in actuality tigers make appearance. So all in all the group had spotted Cleopatra. There was no room for controversies, so they gleefully enjoyed the tea offered by the resort. Victorious, the group made their next move to the cottage for freshening up. Arnold spoke in a loud voice “boys and girls next meeting at eight PM in the lawn”.
सम ~समभाव(equanimity) ,संयुक्त करना, संक्षिप्त विवरण देना,मिलाना ,जोड़ना, योग,जोड़,सम्भावना, सम वेदना और सम शानI “सम” मानव की पहली हिंदी रिक्त कविता, रचना है I First attempt of commonplace, blank verses and relatable poetry by Author Manav
₹190.00Original price was: ₹190.00.₹189.00Current price is: ₹189.00.
देवता भी स्वर्ग मे यह गीत गाते हैं कि भारत भूमि मे उत्पन्न होने वाल ेलागे धन्य है। यह भारत स्वर्ग और मोक्ष का सेतु है। स्वर्ग में सुखों को भोग लेने के बाद देवता भी भारत भूमि पर फिर जन्म लेते है।।
यह काव्य संग्रह ‘सूरज का साक्षात्कार’ कवि द्वारा साहित्य रूपी आदित्य का साक्षात्कार करने का द्योतक है। इस संग्रह की अधिकांश रचनाएँ समसामयिक घटनाओं के सूक्ष्मावलोकन से उपजी हैं तो अनेक कविताएँ मानव के सामाजिक राजनैतिक जीवन की परिघटनाओं पर आधारित हैं। रचनाकार ने पूरा प्रयास किया है कि इस संग्रह में हर पाठक वर्ग के लिए कुछ न कुछ रहे; बच्चों के लिए, किशोरों के लिए, युवा हृदयों के लिए, अनुभवी मस्तिष्क के लिए। इस संग्रह में नीति है, नैतिकता है, समाज है, देशभक्ति है, मतदाता है, मजदूर है। एक कविता में दाना माँझी है तो एक अन्य कविता में उम्मीदों के दीप भी हैं।
₹150.00Original price was: ₹150.00.₹149.00Current price is: ₹149.00.
'मेरे दिल की सुनो', नीलिमा पाठक पांडेय की व्यक्तिगत जज्बातों के कई रंगो से सृजन किया हुआ एक कविता संग्रह है। उनके अवलोकन और अनुभवों को दर्शाते हुए उनकी ये एक सच्ची कोशिश है। Nilima Pathak Pandey, the author has been true to her observations and experiences to bring you a beautifully sculpted collection of poetry - ' मेरे दिल की सुनो'
हमारा दृश्य रूप हैं हमारा शरीर। यह प्रकृति की अद्भुत रचना है।इसमें अनन्त शक्तियाँ निहित हैं। सारी प्राप्तियों का साधन शरीर ही है। जीवन में सब कुछ प्राप्त करने का साधन शरीर ही हैं। इसे स्वस्थ, सुगठित, क्रियाशील, ऊर्जावान व अध्यवसायी बनाए रखने का दायित्व हम पर ही है। इसमें कुछ दोष आ यगा तो हम अपना कत्र्तव्य पथ भूल इस साधन की देख-रेख में लग जाएँगे हमारा लक्ष्य पीछे रह जाएगा।
₹299.00Original price was: ₹299.00.₹279.00Current price is: ₹279.00.
उन्हें, जिन्हें हमेशा रुचा, और रास आया मेरा साहित्यकारपना। उनके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन ने मेरी कलम को प्रदान किया निरंतर संबल। मेरी संवेदना को जिनसे मिले ‘पर’ जिनके बूते अंतस में उदित हुई साहित्याकाश मे ं जगमगाने की आकांक्षा।
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