SMEAR LAYER VERSUS SEALER IN DENTINAL TUBULES
Product details
- ASIN : B08SQB9RD3
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : English
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
- Country of Origin : India
SOUND & its POLLUTION
Product details
- ASIN : B08SQFB6JX
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : English
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
Nav Jeevan (Hindi)
Product details
- ASIN : B08SQMG7ZQ
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
Aviral (Hindi)
Product details
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
Kalchakra Ko Chalne de (Hindi)
Product details
- Publisher : Book River; 1st edition (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
- Country of Origin : India
Guldasta-E-Rubayiyaat (Hindi) Hardcover
Product details
- ASIN : B08T5PCWM6
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 350 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
Bhaavankur (Hindi)
Product details
- ASIN : B08T66LK8S
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
Aaja Mere Meet (Hindi)
Product details
- Publisher : Book River; 1st edition (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
- Country of Origin : India
Damini (Hindi)
एक अबोध बालक को क्या पता कि काले विषैले नाग कितना खतरनाक होतें हैं। वह तो खिलौना समझकर हर वस्तु से खेलने लगते हैं। भावेश भी उस उस विषैले सर्प से इस प्रकार खेल रहा था कि जैसे वह किसी खिलौने से खेल रहा हो। लेकिन विस्मयकारी बात यह थी कि वह विषैला नाग भी भावेश को काटने के बजाय उससे बचने के लिए अपने फन को इधर-उधर घुमा ले रहा था। ऐसा लग रहा था कि, वह विषैला नाग भी जैसे उससे खेल रहा था। लेकिन इन जंगली कीड़ों का क्या भरोसा? कि कब वह डस लें । इसके पूर्व ऐसा दृश्य तो उसने अपने जीवन में कभी न सुना है न देखा है।
Ek Boond Sagar Ki
हिन्दी साहित्य के अथाह सागर मे!ं अथक प्रयास के बाद! इस विशाल सागर से सिर्फ एक बूँद प्राप्त कर पाये हैं! जो इस पुस्तक में शिक्षा से लेकर संस्कार तक, व्यक्ति से लेकर व्यक्तित्व तक, मानव से लेकर मानवता तक, सरकार से लेकर समाज तक, जीवन से लेकर मौत तक, अनेक तरह के उतार चढ़ाव को पद्य एवं गद्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसको पढ़ने के बाद आप अभिव्यक्ति की इस छाया को नकार नहीं सकतें हैं। और मन को आनंदित करनें के लिये इस पुस्तक के सफर में आपको हास्य व्यंग भी अवधी भाषा में मिलेगें, आपके बचपन की वो अमीरी अचानक कहाँ गायब हो गयी, इसका भी मार्मिक चित्रण इस पुस्तक में आपको मिलेगा। आज हम कितना जागरूक हो गये हैं उसकी भी एक तस्वीर इस पुस्तक में देखने को मिलेगी, आज के दौर में संस्कार और सदाचार इतनी दूर हो गयें हैं कि आसमान से देखने में भी इनका अस्तित्व दूर-दूर तक नही दिखाई पड़ रहा है। वर्तमान समय में पाठशालाओं में मिले वाले व्यंजन को पढ़ने वाले व्यंजनों की माला में पिरोया गया है जो क से ज्ञ तक आपको पढ़ने और समझने के लिये मिल जायेगा। वर्तमान मे शिक्षा का मुख्य उद्देश्य किस प्रकार अपने मार्ग से भटक कर पटरी से नीचे उतर गया है, आज हम मंगल और चाँद पर जा रहें किन्तु स्वच्छता के प्रति सभी जागरूक करने के लिये हमें सभाएं लगानी पड़ती हैं नुक्कड जैसे नाटक दिखाने पड़ते हैं! ये सब क्या है।
Ice cream – Contains love flavour
Some passengers were taking selfie and some old age fellows were reading newspaper. Now I immersed myself with Candy Cross Saga. It’s nothing but a game I had addicted with and commenced wasting my valuable moments with my iphone. I heard someone pronouncing a name by moving forward through the aisle
Dhai Akhar (Hindi)
सुबह की धूप का उगना कविता है तो साँझ को सूरज का ढ़लना भी एक कविता है।होली के गीत गाना कविता हो जाता है तो दीवाली के दीपों का प्रज्वलन कविता की सुंदर बानगी है। कविता के अनेक रंग हैए अनेक रूप हैं और अनेक मायने हैं। कविता कभी जीवन का लिबास हो जाती है तो कभी नदी के प्राकृतिक रूप में ढल कर अपने होने का एहसास करा जाती है।दरअसल जिस भी भाव में संवेदना है वह कविता सरीखी हो जाती है। इस कविता संग्रह ढाई आखर के रचनाकार एक नवोदित मगर एक समर्पित भाव के कवि हैं। वे मूलतः छंदों में लिखते हैं। उनके छंद फेसबुक पर फेसबुक के अनेक साहित्यिक समूहों पर धूम मचाते पढ़े जा सकते हैं। संभवतः ऐसा कोई भी रनिंग ग्रुप नहीं होगा जिसमें उनके छंदों का पदार्पण न हुआ हो। बलबीर सिंह वर्मा फेसबुक के कई ग्रुप के चहेते रचनाकार हैं और उनके छंद विभिन्न प्रतियोगिताओं में शताधिक अवार्ड सम्मान पुरस्कार प्रशंसा पत्र सांत्वना पत्र ग्रहण कर चुके हैं और उनकी यह काव्य यात्रा निरंतर बढ़.चढ़कर जारी है।