लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग, यूजीसी नेट/जेआरएफ/सेट एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में ‘हिंदी साहित्य’ विषय में निश्चित सफलता हेतु
About The Book प्रस्तुत कृति में हिंदी साहित्येतिहास लेखन परंपरा, काल-विभाजनऔर नामकरण के औचित्य को प्रस्तुतकरने का प्रयत्न किया गया है।आदिकालीन धार्मिक साहित्य, रासोसाहित्य (वीर काव्य) और लौकिकसाहित्य का संक्षिप्त-तार्किक विवेचन, ‘भक्ति’ के उद्भव-विमर्श तथा भक्तिकालीनआंदोलनों, और रीतिकालीन परिदृश्य में स्थापित विभिन्नपद्धतियों एवं रचनाकारों का विविध विद्वानों के मतों की सहायता से परिचयात्मकअंकन विद्यार्थियों के लिए लाभ प्रद होगा, ऐसा विश्वास है। ‘आधुनिकता’ की प्रवृत्ति के आधार पर हिंदी साहित्येतिहास में जागरण, नवजागरण और पुनर्जागरण का व्यावहारिक चित्रण इस कृति में किया गया है।छायावादी, प्रगतिवादी, प्रयोगवादीऔर नयी कविता जैसी विचारधाराओं के युगबोध का तार्किक विवेचन करने का प्रयत्न इस कृति में है।
Reviews
There are no reviews yet.