Showing 13–15 of 15 results

Show sidebar

Uska Desh

289.00
आजादी मिले कितने बरस हो गये थे। भारत मे अभी भी जातिवाद, संप्रदायवाद, असमानता जैसे गंदे  विचार मौजूद थे। बरसो  से यही चली आ रही थी, अभी भी है और नही लगता कि यह पूर्णरूपेण खत्म होगा, इसलिए सारे  भारतीय इस माहौल मे रगं चुके थे और कुछ को न भी चाहते  हुए रंगना इसमें उनकी मजबुरी थी। बडे  लोग छोटे लोग जातियता के आधार पर भी होते थे। अधिक पैसे वाले लोग उच्च जाति के होते यह उस समय का उसूल ही था। आज प्रायः देखने को मिलता है ऊँचे जाति के लोग प्रायः अच्छे खान पान करते है  अर्थात् उनका जीवन स्तर ऊँचा ही रहता है। बड़ेे  लोग बड़ेे ही बना रहते हैं और छोटा हमे‛ छोटा, यह हमारे समाज का उसूल बन चुका है।

Armaano Ka Katla

289.00
विजयनगर का एक राजा था, उसका नाम पृथ्वीनाथ था। वह और उसका सेनापति सचेत अपने वफादार सैनिको के साथ, अपने बार्डॅर के पास अपने शत्रु का सामना करने हेतु गया। शत्रुओ ने उसके शांतिमय राज्य पर हमला कर दिया था। शत्रु की सेना बहुत विशाल थी। युद्ध शुरू हुआ, राजा पृथ्वीनाथ के सारे सैनिक अपने बहादूरी का यथासंभव परिचय कराते हुए अंततः मारे गये। हार निश्चित देखा सेनापति  सचेत ने  उन्हे समझाया और कहा ‘महाराज आप कहीं दूर चले जाये, आज का दिन हमारा नहीं है..... हुजूर आप जिंदा रहेंगे तो राज्य को फिर से प्राप्त कर सकते हैं और अगर आप बंदी हो जाते हैं तो फिर दोबारा आपके जैसा राजा नही मिलेगा। और अगर आप अभी जंग छोड़कर भाग जाते हैं तो फिर से सेना इकट्ठी करके इस राज्य को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।’

Arunima

170.00

PRODUCT DETAILS

  • ISBN : 978-93-90548-94-1
  • Publisher : Book River (1 March 2021)
  • Language : Hindi
  • Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
  • Country of Origin : India
  • Pages : 150
 

Click to Pay for International Order $36 USD