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Go Corona Go (Hindi)

200.00
कोरोना वायरस ने सभी को अचंभित कर दिया है। इन परिस्थितियों की परिकल्पना किसी ने नहीं की होगी। इस भीषण महामारी से, मिल कर निकलने का प्रयास करना होगा।सभी के सहयोग और सतत् प्रयास से ही, विजय प्राप्त हो पाएगी।इसके लिए हिम्मत और धैर्य की आवश्यकता होगी। कोरोना ने एक अवसर दिया हैं,जीवन मूल्यों और आवश्यकताओं का पुनर्विचार करने को। प्रस्तुत कविता संग्रह, इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है।लंबे समय से काफी विचार उभर रहे थे,उन्हें कविताबद्ध किया है। निहित विचारों का मंथन करें और स्फूर्ती व ताज़गी के साथ, जीवन की नई शुरूआत करें। आशा करता हूँ कि इस काव्य संग्रह के माध्यम से अपने विचार, वह भावनाएँ आप से सांझा कर पाऊँगा। प्रस्तुत कविताएँ आपको उत्साहित करेंगी और मन को छुएंगी।आप के स्नेह वह प्रतिक्रिया की अपेक्षा रहेगी। -दिनकर चौपड़ा

The Cool Land

150.00
Agriculture and farming are topmost necessity of all the time. Irrational industrialization and urban development grab most of the fecund and fertile land for these dummy developmental shows. A bit of land piece is everything for the major part of our population. If someone snatches this means he kills him! This novel screams against this injustice. In our democratic system freedom, equality and fraternity are keywords but where are they now the days? Do they support Charu Bhouji like person in need...

CHHAND BAND KAVITAYEIN (Hindi)

219.00
A poem, a shayari.... something that one individual writes and is felt by the audience at large. Words, sentences, paragraphs that are etched in one's minds and are remembered till the grave, they make a person wise and bring them close to reality. In a world where people are busy accomplishing a life that they had dreamt of, one has almost forgotten to sit back and live im the moment. In "Chhand Band Kavitayein", Somya Bariar brings to you some of her finest short poems that encourage you to just take a little break and relax. With her engaging words and powerful statements, she is very promising. Indulge yourself in this very anthology where Somya has spoken her mind trying to connect with yours.

Ret Par Nadi (Hindi)

149.00
नदी में तृप्त आनंदित और शीतलता का विशेष गुण होता है। वह जब अपनी मंजिल की ओर बढ़ती है, तो राह में आने वाली अवरुद्धता और बाधाओं रूपी चुनौतियों को स्वीकारते बढ़ती है। नदी का पर्याय सरिता है। सरिता की प्रकृति प्रवाहित होना है, यद्यपि प्रवाह का भाव देने और शब्द को अलंकृत करते संस्कृत के इस सुंदर शब्द संहिता का प्रयोग स्थान.स्थान पर किया जाता रहा है।

Malaal (Hindi)

140.00
इस संग्रह में शामिल रचनाओं में सरिता ने जीवन की विडम्बनाओं को शब्द देने की कोशिश की है। वैसे भी मेरा व्यक्तिगत रूप से यह मानना है कि की जब कोई नवोदित कवि कुछ नया लिखने का सोच रहा होता है तो हमे उसका उत्साहवर्धन करना चाहिए क्योंकि वह नया रचनाकार दुनियां में कुछ अच्छा करना चाहता है।हो सकता है उसकी भाषा, शब्द संयोजन कमजोर हो लेकिन जो कार्य वह करना चाहता है अर्थात कविता लिखना चाहता है तो यह तय है कि उसका उद्देश्य तो पवित्र है।

Pitthu Garam

149.00
काव्य संग्रह का शीर्षक पिट्ठू गरम है पढ़कर मन में यह जरूर लगेगा कि आखिर इसका अर्थ क्या है किन्तु जब शब्दों की यही सादगी अपने काव्य के लालित्य से आनंद की महक बिखेरती है तो यह चर्चित काव्य संग्रह को पढ़ने मन मचल उठता है। कवि अंकुर सिंह को इस सार्थक और प्रशंसनीय लेखन के लिए हार्दिक बधाई और बहुत सारी शुभकामनाएं।

The Subconscious Tales

249.00 229.00
Desçription:Hey Moon, Do you know how it feels?, Broken Heart, Anxiety, Love, Shoes of a Woman, Painful Goodbyes, Hope, Expectations, Sometimes, Lost, Caged and many more. These are some of the poetries and topics you will love reading and I am sure if you read it you can relate some of the writings with yourself too because the writers here are very passionate. Don't just read it feel the depth of each word inked on the papers of this book. The body is in your hand, flip the pages one by one and encounter with it's soul which is made out of the feelings and emotions of different writers from around the Country. Some Anthologies are meant to be read, loved and passed on. The Subconscious Tales is one of them.

VIBRATIONS

99.00

Product details

  • Publisher : Book rivers (31 August 2020)
  • Language : English
  • Paperback : 52 pages
  • ISBN-10 : 9389914833
  • ISBN-13 : 978-9389914832
  • Country of Origin : India
  • Generic Name : Books

Sooraj ka sakshatkar (Hindi)

149.00
यह काव्य संग्रह ‘सूरज का साक्षात्कार’ कवि द्वारा साहित्य रूपी आदित्य का साक्षात्कार करने का द्योतक है। इस संग्रह की अधिकांश रचनाएँ समसामयिक घटनाओं के सूक्ष्मावलोकन से उपजी हैं तो अनेक कविताएँ मानव के सामाजिक राजनैतिक जीवन की परिघटनाओं पर आधारित हैं। रचनाकार ने पूरा प्रयास किया है कि इस संग्रह में हर पाठक वर्ग के लिए कुछ न कुछ रहे; बच्चों के लिए, किशोरों के लिए, युवा हृदयों के लिए, अनुभवी मस्तिष्क के लिए। इस संग्रह में नीति है, नैतिकता है, समाज है, देशभक्ति है, मतदाता है, मजदूर है। एक कविता में दाना माँझी है तो एक अन्य कविता में उम्मीदों के दीप भी हैं।

इस दुनिया में रहना सीखो (Hindi)

149.00
हमारा दृश्य रूप हैं हमारा शरीर। यह प्रकृति की अद्भुत रचना है।इसमें अनन्त शक्तियाँ निहित हैं। सारी प्राप्तियों का साधन शरीर ही है। जीवन में सब कुछ प्राप्त करने का साधन शरीर ही हैं। इसे स्वस्थ, सुगठित, क्रियाशील, ऊर्जावान व अध्यवसायी बनाए रखने का दायित्व हम पर ही है। इसमें कुछ दोष आ यगा तो हम अपना कत्र्तव्य पथ भूल इस साधन की देख-रेख में लग जाएँगे हमारा लक्ष्य पीछे रह जाएगा।

Unmukt Chhand (Hindi)

135.00
तीनों रचनाकार नितिन श्रीवास्तव, दुर्गा ठाकरे, दीपक बरनवाल भिन्न भिन्न पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और उनका साथ आकर एक साथ योगदान करके उन्मुक्त छंद की रचना करना अपने आप में एक बहुत ही बड़े सामंजस्य और समझ बुझ का परिचायक है। इनके साथ आने का संयोग अवश्य ही बहुत शुभ था जो कि अंततः उन्मुक्त छंद की प्रणेता बनी। तीनों ने ही अपनी अपनी जीविकोपार्जन के दौरान विभिन्न प्रकार के अनुभवों एवं विभिन्न प्रकार के विद्वानों से तरह तरह से अभिमुख हुए और उन्ही संगतियों और विसंगतियों के बीच बहुत कुछ सीखा और समझा है, हमें अपने विद्वता का दम्भ भरने का साहस कदापि नहीं कर सकते परंतु उन्मुक्त छन्द के द्वारा समाज के समझ अनुभवों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं आपको पसंद आएगी। हमारे जीवन में घटित होने वाले घटनाओं से उपजित भावों का संग्रह है, उन्मुक्त छन्द में हमनें सभी तरह के भावों को संजोने का प्रयास किया है चाहे वह प्रेम हो, जीवन पथ में आने वाले तरह तरह के संघर्ष हों, सामाजिक बुराइयों की आलोचना हो, सामाजिक तंत्र से फैली असमानता हो या गुदगुदाते काव्य हों, सभी को हमनें आपके सम्मुख समान भाव से प्रस्तुत करने की चेष्ठा की है। अभी अभी तो उदित हुए हैं, कि, कहीं दूर अनंत है अपना अंत। लक्ष्य एक इस जीवन का, कि, दर्शित काव्य हो हमारा दिग दिगंत। उन्मुक्त छन्द

Sum (Hindi)

149.00
सम ~समभाव(equanimity) ,संयुक्त करना, संक्षिप्त विवरण देना,मिलाना ,जोड़ना, योग,जोड़,सम्भावना, सम वेदना और सम शानI “सम” मानव की पहली हिंदी रिक्त कविता, रचना है I First attempt of commonplace, blank verses and relatable poetry by Author Manav