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Alfaze ehsas
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- Author: –Amandeep Bhardwaj
- Language : Hindi
- Paperback : 149 pages
- ISBN-13 : 978-93-5515-269-5
- Country of Origin : India
- Generic Name : Motivational
- Publisher : Book Rivers(29 June 2022)
Category: POETRY
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MYSTICA
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MYSTICA is a collection of eighty poems from the golden pen of honorable poet Sunita Singh which blossomson the side lines of a Poetic highway of revelations. All real poetic love experience and bit more a whole, embodied, and engaged with in a poetic life journey from the mind- set of an upcoming poet are well crafted in her fabulous, lovely poems in this book of poetry,Mystica.
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Product details
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Zindagi ek Safar Aur Tum (Hindi)
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Main Anjum Hoon (Hindi)
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My interactions with Anjum Salman Hussain (a.k.a ‘Appiya’ by her family, friends and anyone who knows her) started two years ago initially with gestures of greeting to each other. Gradually along with just the greeting we started talking about life, politics and her work with Civil Defense. Sometimes we also talked and discussed about the history of India and its people. I am quite inspired; by her outlook on life and her ways of dealing with its complexities. Interacting with her has definitely helped me improve my knowledge and has changed my perspective towards life.
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नमस्कार, वर्ष 1990 के पूर्व से काव्यधाराएँ मुझे अपनी आरे आकर्षित करने लगी थीं। परन्तु उन कविताओं, गीतो ंमें मेरा अपना क्या था, मुझे समझ नहीं आता था। वर्ष 1990 मे ंजब मैं कक्षा 10वीं में अध्ययनरत था उन दिनो ंमंैन ेएक छन्दात्मक कविता जिसका शीर्षक ‘‘सपना‘‘ लिखी और उसी को मैं अपनी पहली रचना मानता हँू। जिसे मेर ेसहपाठी यारों ने खबू सुना व सराहा खास कर वर्तमान में रीवा मे ंरहन ेवाले मेरे मित्र श्री बृजेश अग्निहोत्री को आज भी यह रचना बहुत पसंद है। छन्दात्मक रचनाओ ंके बाद मैंने अतुकांत रचनाएँ भी लिखीं पर समय के परिवर्तन न ेमुझमे ंभी परिवर्तन लाया और मैं गीत, गज़ल आदि भी लिखने लगा। इसी दौरान मैंन ेआकाशवाणी एवं मंचीय कवि सम्मेलनों मे ंकाव्यपाठ किया। उसी समय से प्रदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं मे ंमेरी रचनाओं का प्रकाशन होता रहा है। मैं शुरू से ही अपना नाम ‘‘कुमार सागर‘‘ लिखता आ रहा हूँ। मैंने वर्ष 1995-96 मे ं एक अखिल भारतीय कविसम्मेलन (दमोह) में भी भाग लिया, जिसके आयाजेक, संयाजेक व मंचीय कवि कौन-कौन थे मुझे याद नहीं, परन्तु यह याद है कि मंच का संचालन श्री अशाके चक्रधर जी ने किया था एव ंआदरणीय कुमार विश्वास भी उस मंच पर थे। उस समय भी लोग न ेश्री विश्वास जी को बहुत सुनना था, हम लागे ांे न े काव्यपाठ किया। दसू र े दिन तीन-चार कवियांे के बीच समाचार पत्रों में मेरा चित्र भी प्रकाशित हुआ, जिससे काव्य-रचना के प्रति मेरा रूझान और भी बढ़ा।
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