-11%
Previous product
Back to products
Drug Guidebook for Dental Practitioners
₹250.00 ₹210.00
Next product
Stri Ko Stri Hi Rehane Do
₹199.00 ₹170.00
Gulaal Ke Taal
₹180.00 ₹160.00
- Author: C. L. Mishra
- Language : Hindi
- Paperback : 121 pages
- ISBN-13 : 978-93-5515-208-4
- Country of Origin : India
- Generic Name : POetry
- Publisher : Book Rivers(6 April 2022)
Category: POETRY
Related products
CHHAND BAND KAVITAYEIN (Hindi)
₹219.00
A poem, a shayari.... something that one individual writes and is felt by the audience at large. Words, sentences, paragraphs that are etched in one's minds and are remembered till the grave, they make a person wise and bring them close to reality. In a world where people are busy accomplishing a life that they had dreamt of, one has almost forgotten to sit back and live im the moment. In "Chhand Band Kavitayein", Somya Bariar brings to you some of her finest short poems that encourage you to just take a little break and relax. With her engaging words and powerful statements, she is very promising. Indulge yourself in this very anthology where Somya has spoken her mind trying to connect with yours.
Uski Aakar Baaton Main (Hindi)
₹190.00
नमस्कार, वर्ष 1990 के पूर्व से काव्यधाराएँ मुझे अपनी आरे आकर्षित करने लगी थीं। परन्तु उन कविताओं, गीतो ंमें मेरा अपना क्या था, मुझे समझ नहीं आता था। वर्ष 1990 मे ंजब मैं कक्षा 10वीं में अध्ययनरत था उन दिनो ंमंैन ेएक छन्दात्मक कविता जिसका शीर्षक ‘‘सपना‘‘ लिखी और उसी को मैं अपनी पहली रचना मानता हँू। जिसे मेर ेसहपाठी यारों ने खबू सुना व सराहा खास कर वर्तमान में रीवा मे ंरहन ेवाले मेरे मित्र श्री बृजेश अग्निहोत्री को आज भी यह रचना बहुत पसंद है। छन्दात्मक रचनाओ ंके बाद मैंने अतुकांत रचनाएँ भी लिखीं पर समय के परिवर्तन न ेमुझमे ंभी परिवर्तन लाया और मैं गीत, गज़ल आदि भी लिखने लगा। इसी दौरान मैंन ेआकाशवाणी एवं मंचीय कवि सम्मेलनों मे ंकाव्यपाठ किया। उसी समय से प्रदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं मे ंमेरी रचनाओं का प्रकाशन होता रहा है। मैं शुरू से ही अपना नाम ‘‘कुमार सागर‘‘ लिखता आ रहा हूँ। मैंने वर्ष 1995-96 मे ं एक अखिल भारतीय कविसम्मेलन (दमोह) में भी भाग लिया, जिसके आयाजेक, संयाजेक व मंचीय कवि कौन-कौन थे मुझे याद नहीं, परन्तु यह याद है कि मंच का संचालन श्री अशाके चक्रधर जी ने किया था एव ंआदरणीय कुमार विश्वास भी उस मंच पर थे। उस समय भी लोग न ेश्री विश्वास जी को बहुत सुनना था, हम लागे ांे न े काव्यपाठ किया। दसू र े दिन तीन-चार कवियांे के बीच समाचार पत्रों में मेरा चित्र भी प्रकाशित हुआ, जिससे काव्य-रचना के प्रति मेरा रूझान और भी बढ़ा।
Malaal (Hindi)
₹140.00
इस संग्रह में शामिल रचनाओं में सरिता ने जीवन की विडम्बनाओं को शब्द देने की कोशिश की है। वैसे भी मेरा व्यक्तिगत रूप से यह मानना है कि की जब कोई नवोदित कवि कुछ नया लिखने का सोच रहा होता है तो हमे उसका उत्साहवर्धन करना चाहिए क्योंकि वह नया रचनाकार दुनियां में कुछ अच्छा करना चाहता है।हो सकता है उसकी भाषा, शब्द संयोजन कमजोर हो लेकिन जो कार्य वह करना चाहता है अर्थात कविता लिखना चाहता है तो यह तय है कि उसका उद्देश्य तो पवित्र है।
Ret Par Nadi (Hindi)
₹149.00
नदी में तृप्त आनंदित और शीतलता का विशेष गुण होता है। वह जब अपनी मंजिल की ओर बढ़ती है, तो राह में आने वाली अवरुद्धता और बाधाओं रूपी चुनौतियों को स्वीकारते बढ़ती है। नदी का पर्याय सरिता है। सरिता की प्रकृति प्रवाहित होना है, यद्यपि प्रवाह का भाव देने और शब्द को अलंकृत करते संस्कृत के इस सुंदर शब्द संहिता का प्रयोग स्थान.स्थान पर किया जाता रहा है।
Unmukt Chhand (Hindi)
₹135.00
तीनों रचनाकार नितिन श्रीवास्तव, दुर्गा ठाकरे, दीपक बरनवाल भिन्न भिन्न पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और उनका साथ आकर एक साथ योगदान करके उन्मुक्त छंद की रचना करना अपने आप में एक बहुत ही बड़े सामंजस्य और समझ बुझ का परिचायक है। इनके साथ आने का संयोग अवश्य ही बहुत शुभ था जो कि अंततः उन्मुक्त छंद की प्रणेता बनी। तीनों ने ही अपनी अपनी जीविकोपार्जन के दौरान विभिन्न प्रकार के अनुभवों एवं विभिन्न प्रकार के विद्वानों से तरह तरह से अभिमुख हुए और उन्ही संगतियों और विसंगतियों के बीच बहुत कुछ सीखा और समझा है, हमें अपने विद्वता का दम्भ भरने का साहस कदापि नहीं कर सकते परंतु उन्मुक्त छन्द के द्वारा समाज के समझ अनुभवों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं आपको पसंद आएगी। हमारे जीवन में घटित होने वाले घटनाओं से उपजित भावों का संग्रह है, उन्मुक्त छन्द में हमनें सभी तरह के भावों को संजोने का प्रयास किया है चाहे वह प्रेम हो, जीवन पथ में आने वाले तरह तरह के संघर्ष हों, सामाजिक बुराइयों की आलोचना हो, सामाजिक तंत्र से फैली असमानता हो या गुदगुदाते काव्य हों, सभी को हमनें आपके सम्मुख समान भाव से प्रस्तुत करने की चेष्ठा की है। अभी अभी तो उदित हुए हैं, कि, कहीं दूर अनंत है अपना अंत। लक्ष्य एक इस जीवन का, कि, दर्शित काव्य हो हमारा दिग दिगंत। उन्मुक्त छन्द
Guldasta-E-Rubayiyaat (Hindi) Hardcover
₹249.00
Product details
- ASIN : B08T5PCWM6
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 350 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
Desh Hmara Badal Rha (Hindi)
₹120.00
प्रस्तुत पुस्तक मेरे जीवन में घटित घटनाओं, मेरे हृदय में हिलोरें लेती हुई भावनाओं, मेरे देश और समाज के प्रति मेरे भावों, एवं मेरे निजी अनुभवों को काव्य श्रृंखला के एक सूत्र में बंधे उद्गारों का समूह के रूप में सृजित की गई है। इस पुस्तक में रचित सारी कविताएं सरल, सुलभ व सुगम भाषा में आपको समर्पित है जिसे समझने हेतु अधिक समय लगाने की आवश्यकता नहीं है। सारी कविताएं यथा संभव आम जन जीवन से संबंधित हैं और सुपाठ्य हैं। आशा है आप बहुत पसंद करेंगे और आगे भी उत्साह-वर्धन हेतु स्नेह एवं आशीर्वाद प्रदान करते रहेंगे।
Chahat Ka kamal Safalta ki Chabhi (Hindi)
₹175.00
सरल और आसान भाषा में लिखी गई यह किताब सांसारिक जीवन में प्यार और पति-पत्नी के प्यार और उनके तथा परिवार के सम्बन्धों पर लिखी गई है। जो जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान बताती है। ताकि हमारा सांसारिक जीवन सुखमय हो और किस तरह से पति-पत्नी इस जीवन मं आनंदपूर्वक जीवन का आनंद उठा सकें तथा अपने सम्बन्धों को प्रेम पूर्ण बना कर अपने जीवन को उत्सव बनाया जाए! कैसे जीवन को धरती का स्वर्ग बनाएं ? वे कौन सी शक्तियां है जो हमें जीवन की हर समस्या का समाधान देती हैं। अपने जीवन को स्वर्ग बनाना अपनी सोच पर निर्भर करता है।
Reviews
There are no reviews yet.