यह काव्य संग्रह ‘सूरज का साक्षात्कार’ कवि द्वारा साहित्य रूपी आदित्य का साक्षात्कार करने का द्योतक है। इस संग्रह की अधिकांश रचनाएँ समसामयिक घटनाओं के सूक्ष्मावलोकन से उपजी हैं तो अनेक कविताएँ मानव के सामाजिक राजनैतिक जीवन की परिघटनाओं पर आधारित हैं। रचनाकार ने पूरा प्रयास किया है कि इस संग्रह में हर पाठक वर्ग के लिए कुछ न कुछ रहे; बच्चों के लिए, किशोरों के लिए, युवा हृदयों के लिए, अनुभवी मस्तिष्क के लिए। इस संग्रह में नीति है, नैतिकता है, समाज है, देशभक्ति है, मतदाता है, मजदूर है। एक कविता में दाना माँझी है तो एक अन्य कविता में उम्मीदों के दीप भी हैं।
On 14 February 2019 Jaish-e-Mohammed terrorist organization attacked on a CRPF convoy near Pulwama on Jammu-Srinagar highway. 44 CRPF Jawans were martyred. On 26 Feburary 2019, IAF vowed revenge and dropped bombs on J-e-M’s training camp in Balakot Pakistan and leveled many terrorists. On the next day, Pakistan's Jets crossed the border and dropped bombs on military installations in J & K. Wing Commander Abhinandan who was flying MiG-21 chased a Pak F-16 and shot down it, but during a dogfight, unfortunately he crossed the border where his MiG-21 was shot down by Pak missile
पहला कदम नाम कि किताब में प्रिय जनो के लिए कई सारी कविताएं है। लेखिका ने बरेली उत्तर प्रदेश से अपने चाहने वालो के बारे में सभी भावनाओ को कलम बद्घ करने का बीड़ा उठाया है और लेखन की इस दुनिया में उनकी यात्रा कैसे शुरू हुई इसका भी उल्लेख है । यहां इस दुनिया में आम इंसान की तरह सफर तो सभी करते है पर जो आम से खास तक का सफर तय कर के उसे पार कर लेते है वहीं असल मायने में अपनी जंग जीत जाते है कुछ ऐसा ही सफर लेखिका कृतिशा ( चिरैया) ने भी तय किया है। "इस चिरैया को किसी पिंजरे और कैद की जरूरत नहीं क्यूंकि अपनी रियासत की रानी भी यही है, साम्राज्य भी इसका , राज भी और यहां की हुकूमत भी " " शिक्षिका हूं मै किताबो से बढ़कर, ज़िन्दगी सही तरीके से जीना का ढंग सिखा सकती हूं मै इंसान को असल मैयनो में इंसान बना सकती हूं।
हावड़ा मेल अपनी पूरी रफ्तार से चली जा रही थी। निशा आज पूरे एक साल के बाद मायके जा रही थी। उसे पता हंै, कि पापा, बड़ े भईया उसे लने े स्टेशन पर आए ही होगे।ं मांँ बड़ी माँ और भाई-बहनों की पूरी पलटन घर के बाहर वाले बरामदे पर ही खड़ े प्रतीक्षा कर रहे होगे।ं दौड़कर सबसे गले ं मिलूँगी। माँ की ममता भरी गोद और भाई-बहनो ं की चुहल बाजियाँ की याद आत े ही निशी फिर से बचपन की स्मृतियो ं मंे खो ं गई सामने की बर्थ पर पति सुधांशु सोए हुए हंै। खिड़की के पास बैठी निशा अपन े अतीत के पन्नो ं को शनैः शनैः पलटने लगी।
Many surgical procedures have been developed to restore more favorable anatomy for prosthesis support. They include vestibuloplasty, Vestibuloplasty with skin or mucosal grafting; and augmentation with bone grafting procedures. These procedures offered short-term improvement to denture stability and retention; however none showed long-term clinical success. Hence implant dentistry had evolved into a reasonably predictable treatment modality for the majority of such patients
नदी में तृप्त आनंदित और शीतलता का विशेष गुण होता है। वह जब अपनी मंजिल की ओर बढ़ती है, तो राह में आने वाली अवरुद्धता और बाधाओं रूपी चुनौतियों को स्वीकारते बढ़ती है। नदी का पर्याय सरिता है। सरिता की प्रकृति प्रवाहित होना है, यद्यपि प्रवाह का भाव देने और शब्द को अलंकृत करते संस्कृत के इस सुंदर शब्द संहिता का प्रयोग स्थान.स्थान पर किया जाता रहा है।
सम ~समभाव(equanimity) ,संयुक्त करना, संक्षिप्त विवरण देना,मिलाना ,जोड़ना, योग,जोड़,सम्भावना, सम वेदना और सम शानI “सम” मानव की पहली हिंदी रिक्त कविता, रचना है I First attempt of commonplace, blank verses and relatable poetry by Author Manav
कोरोना वायरस ने सभी को अचंभित कर दिया है। इन परिस्थितियों की परिकल्पना किसी ने नहीं की होगी। इस भीषण महामारी से, मिल कर निकलने का प्रयास करना होगा।सभी के सहयोग और सतत् प्रयास से ही, विजय प्राप्त हो पाएगी।इसके लिए हिम्मत और धैर्य की आवश्यकता होगी। कोरोना ने एक अवसर दिया हैं,जीवन मूल्यों और आवश्यकताओं का पुनर्विचार करने को। प्रस्तुत कविता संग्रह, इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है।लंबे समय से काफी विचार उभर रहे थे,उन्हें कविताबद्ध किया है। निहित विचारों का मंथन करें और स्फूर्ती व ताज़गी के साथ, जीवन की नई शुरूआत करें। आशा करता हूँ कि इस काव्य संग्रह के माध्यम से अपने विचार, वह भावनाएँ आप से सांझा कर पाऊँगा। प्रस्तुत कविताएँ आपको उत्साहित करेंगी और मन को छुएंगी।आप के स्नेह वह प्रतिक्रिया की अपेक्षा रहेगी। -दिनकर चौपड़ा
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