Product details
- Publisher : Book Rivers (25 October 2019)
- Paperback : 165 pages
- ISBN-10 : 9388727754
- ISBN-13 : 978-9388727754
₹179.00
हिन्दी साहित्य के अथाह सागर मे!ं अथक प्रयास के बाद! इस विशाल सागर से सिर्फ एक बूँद प्राप्त कर पाये हैं! जो इस पुस्तक में शिक्षा से लेकर संस्कार तक, व्यक्ति से लेकर व्यक्तित्व तक, मानव से लेकर मानवता तक, सरकार से लेकर समाज तक, जीवन से लेकर मौत तक, अनेक तरह के उतार चढ़ाव को पद्य एवं गद्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसको पढ़ने के बाद आप अभिव्यक्ति की इस छाया को नकार नहीं सकतें हैं। और मन को आनंदित करनें के लिये इस पुस्तक के सफर में आपको हास्य व्यंग भी अवधी भाषा में मिलेगें, आपके बचपन की वो अमीरी अचानक कहाँ गायब हो गयी, इसका भी मार्मिक चित्रण इस पुस्तक में आपको मिलेगा। आज हम कितना जागरूक हो गये हैं उसकी भी एक तस्वीर इस पुस्तक में देखने को मिलेगी, आज के दौर में संस्कार और सदाचार इतनी दूर हो गयें हैं कि आसमान से देखने में भी इनका अस्तित्व दूर-दूर तक नही दिखाई पड़ रहा है। वर्तमान समय में पाठशालाओं में मिले वाले व्यंजन को पढ़ने वाले व्यंजनों की माला में पिरोया गया है जो क से ज्ञ तक आपको पढ़ने और समझने के लिये मिल जायेगा। वर्तमान मे शिक्षा का मुख्य उद्देश्य किस प्रकार अपने मार्ग से भटक कर पटरी से नीचे उतर गया है, आज हम मंगल और चाँद पर जा रहें किन्तु स्वच्छता के प्रति सभी जागरूक करने के लिये हमें सभाएं लगानी पड़ती हैं नुक्कड जैसे नाटक दिखाने पड़ते हैं! ये सब क्या है।
10 in stock
Weight | 200 g |
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Dimensions | 21 × 3 × 21 cm |
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